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Writer's picturePrashansa Ranjan

कुछ शब्द मेरी कलम से....

जब दो घंटे की थी तो नानी ने कहा लड़की हैं…दहेज कहा से लायेंगे.....


जब पाँच साल की हुई तो मामी ने कहा काली हैं….दहेज कहा से लायेंगे….


जब पंद्रह साल की हुई तो भुआ ने कहा मोटी हैं…. दहेज कहा से लायेंगे….


जब पच्चीस साल की हुई तो चाची ने कहा कमाती हैं … दहेज कहा से लायेंगे…


अब तीस की हुई हो तो माँ पापा कहते हैं….तीस की होगई हैं….लड़का कहा से लाऊ….


जब सवाल दो घंटे के बाद से ही था तो तीस साल इंतज़ार क्यों किया गया…


जब सवाल शुरू से ही बेंच देना का था तो तीस साल अपनाया क्यों गया….



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